डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया
बेशक
कांग्रेस एक पुरानी और बड़ी पार्टी है. 1950 के बाद से उसने देश की जनता पर लगातार राज
किया. नेहरू, शास्त्री और इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी तक और 10 साल यूपीए के शासन
में मनमोहन सिंह ने देश के प्रधानमंत्री के पद पर कार्य किया. कोई शिखर पर पहुंच सकता
है लेकिन शिखर पर हमेशा बना रहेगा यह मुमकिन नहीं. जनता बदलाव चाहती है और करती है.
यही कारण है कि 2004 और 2009 में कांग्रेस का जनाधार घट गया. घटे जनाधार के कारण ही कांग्रेस
को सत्ता में बने रहने के लिए यूपीए के दोनों कार्यकालों में क्षेत्रीय दलों से
गठबंधन कर सत्ता में बने रहने के लिए बाध्य होना पड़ा. निश्चित ही यह उनके जनाधार
के खिसकने की कहानी है. जो पार्टी अपने दम पर कभी स्पष्ट बहुमत के साथ देश की
सत्ता पर काबिज रहती रही हो उसे उसकी वर्तमान की यह गिरावट रास नहीं आ सकती.