बुधवार, 31 जनवरी 2018

ऐसे लोकतंत्र से तो तानाशाही अच्छी.........

डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया

यह कैसा देश है जहां एक समुदाय विशेष गणतंत्र दिवस मनाने पर नाराज होता है. यहां भारत माता की जय और वंदे मातरम के घोष इस समुदाय को जहर भरे तीरों की तरह चुभते हैं. यह समुदाय विशेष बहुसंख्यकों से उनकी अभिव्यक्ति की आजादी पर पिस्तौल तान कर खड़ा हो जाता है और यह कैसा बहुसंख्यक समाज है जो दब्बू बनकर हर जुल्म सहने को तत्पर है. यह कैसा लोकतंत्र है जहां सरकारें समुदाय विशेष के प्रति नरम रवैया बनाए रखती हैं. यह कैसा लोकतंत्र है जिसमें स्वेच्छाचारिता का नंगा नाच होता है और सरकारें कानो में रुई लगा कर सब कुछ देखती रहती हैं. दुनिया में शायद ही ऐसा कोई देश होगा जिसमें अल्पसंख्यक

सोमवार, 22 जनवरी 2018

2018 में भारत पाकिस्तान से आर-पार की लड़ाई लड़े

डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया

जब से अमेरिका ने पाकिस्तान को आर्थिक सहायता बंद करने का ऐलान किया है तब से वह इसका गुस्सा भारत-पाक नियंत्रण रेखा पर उतारने पर आमादा है. लेकिन वह नहीं जानता कि जिस गुस्से का वह इज़हार कर रहा है उससे उसे हमेशा से अधिक नुकसान उठाना होगा. पिछले 1 सप्ताह में पाकिस्तान ने भारतीय नियंत्रण रेखा पर अंधाधुंध फायरिंग कर युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. पाकिस्तानी सेना लगातार सीमा पार से भारी गोलाबारी कर रही है जिससे ना केवल भारतीय सेना के जवान शहीद हुए हैं बल्कि कई कश्मीरी नागरिक भी मारे गए हैं. एक के बदले 10 के तहत आज तक भारतीय फौज ने कई पाकिस्तानी रेंजरों को मौत

गुरुवार, 4 जनवरी 2018

हिंदू समाज को बांटकर 2019 में वापसी करना चाहती है कांग्रेस

डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया

जब से देश में मोदी सत्ता में आए हैं तब से देश का समूचा विपक्ष सत्ता में वापसी के लिए हर हथकंडे अपनाने की जुगत में लगा हुआ है. राजनीति में यूं भी  ‘एवरीथिंग इज़ फेयर इन लव एंड वार’ का फंडा काम करता है. इसलिए यह मानकर चला जाना कि कांग्रेस और सत्ताविरोधी सभी राजनीतिक दल सत्ता पाने के लिए शुचिता पूर्ण राजनीति करेंगे संभव नहीं. 2014 में जब मोदी सत्ता में आए तब कमोबेश देश में कांग्रेस के विरुद्ध लोगों में असीमित आक्रोश था. कांग्रेस का