याद रखना होगा कि मोदी देश की जरूरत
हैं
डॉ. हरिकृष्ण
बड़ोदिया
देश के विपक्ष को भले ही मोदी फूटी आंखों नहीं सुहाते लेकिन मोदी
ने देश को उन ऊंचाइयों पर पहुंचाया है जिसकी कल्पना 2014 के पहले संभव नहीं थी। आज दुनिया भर में मोदी के जन हितेषी
कामों की चर्चा के साथ-साथ देश में पूर्व में की गई राजनीतिक गलतियों को सुधारने
में मोदी के योगदान को सराहा जा रहा है। विपक्ष हताश और निराश इसलिए है कि उसके
पास मोदी की साख को गिराने के लिए कोई ऐसा ठोस मुद्दा है ही नहीं जिससे वह जनता को अपने पक्ष में कर सके। यही नहीं विपक्ष
जिस भी मुद्दे को उठाता है उसमें उसे मुंह की खानी पड़ती है। महत्वपूर्ण बात यह है
कि मोदी एक दृढ़ संकल्पित नेता हैं। वे जो भी काम करते हैं उसका पूरा होमवर्क करने
के बाद ही करते हैं और जिस रास्ते पर कदम बढ़ाते हैं ऐसा नहीं होता कि उन्हें कदम
वापस खींचने के लिए बाध्य होना पड़े। मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं
जिन्होंने तुष्टीकरण के लिए अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया। इतिहास साक्षी है
कि देश के किसी प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में हिंदुत्व की बात नहीं की। यही
नहीं उन्होंने अपने हिंदू होने के गौरव को खुलकर स्पष्ट किया। मोदी के विगत 7 साल इस बात के साक्षी हैं कि मोदी ने
प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए भी व्यक्तिगत संस्कारों को प्रदर्शित करने में कोई
हिचक नहीं दिखाई। सबको मालूम है कि सीएम रहते हुए भी उन्होंने मुस्लिमों को अपने
पक्ष में रिझाने के लिए मुस्लिम टोपी नहीं पहनी। इसके बावजूद भी गुजरात का मुसलमान
मोदी के पक्ष में खड़ा रहा। गुजरात का मुसलमान शेष भारत के मुसलमानों से अलग इसलिए
है कि वह मोदी की कार्यशैली और सबका साथ सबका विकास के सिद्धांत के तहत अपनी
उन्नति में मोदी को साथ खड़ा पाता है।
जिस देश की आबादी का 78 फीसदी हिंदू हो उस देश में 70 सालों तक इस बड़े तबके की उपेक्षा
होती रही जिसे हर व्यक्ति जानता है। जब से मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तब से देश
में हिंदुओं को हिंदू होने का गौरव मिला है। आज स्थिति यह है कि धर्मनिरपेक्षता के
ठेकेदार भी मंदिर मंदिर घूम कर और गले में केसरिया पटका डालकर हिंदुओं को रिझाने
के उपक्रम करते देखे जा सकते हैं। मोदी के कार्यकाल में अयोध्या में राम मंदिर के
निर्माण की शुरुआत ने कांग्रेस सपा और बसपा जैसे मुस्लिम तुष्टिकरण करने वाले दलों
को राम राम जपना सिखा दिया। लेकिन इनका यह दोहरा रवैया हर बार एक्सपोज हो जाता है।
मोदी ने देश से जो
वादे किए उन्हें पूरा करने में वह प्राणपण से जुटे हैं। कौन नहीं जानता कि मोदी ने
कश्मीर के अलावा शेष भारत में देश को बम धमाकों से निजात दिलाई। 2014 के पहले देश में ऐसा कोई बड़ा शहर नहीं
था जहां निर्दोष लोग आतंकवाद के शिकार ना बने हों। इससे बड़ी उपलब्धि और क्या हो
सकती है कि जिस देश में हर सार्वजनिक स्थानों पर पढ़ने को मिलता था कि लावारिस
वस्तुओं को न छुएं, इनमें विस्फोटक हो
सकता है वहां हर व्यक्ति आज भय मुक्त है। बड़े शहरों में जहाँ हर व्यक्ति डर और
दहशत में अपने दिन की शुरुआत करता था वहां मोदी के आने के बाद जनता पूरी तरह निश्चिंत
है और सरकारी संस्थाओं को ऐसे किसी निर्देश दीवारों पर लिखने की जरूरत नहीं पड़
रहीजो पहले पैनिक पैदा करते थे।
70 साल तक देश पर राज करने वाली पार्टी
यह कहते नहीं अघाती कि राजीव गांधी देश में कंप्यूटर लाए लेकिन हर आदमी जानता है
कि टेक्नोलॉजी की प्रकृति ऐसी है कि वह ना चाहते हुए भी लोगों के जीवन में प्रवेश
करती है। लोग जीवन को सरल बनाने के लिए स्वत: ही उसका उपयोग करने लगते हैं। जब
मोदी ने मुद्रा रहित अंतरण अर्थात कैशलेस ट्रांजैक्शन की बात की तो विपक्ष ने
बड़े-बड़े सांप बिच्छू दिखाए। कहा जिस देश की अधिकांश आबादी साक्षर ना हो और जिनके
पास मोबाइल तक नहीं उस देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन संभव नहीं हो सकता। लेकिन मोदी
की दृढ़ इच्छाशक्ति ने आज देश की एक चौथाई से अधिक आबादी को कैशलेस ट्रांजैक्शन से
जोड़ दिया है। आज हर छोटे-बड़े शहर ही नहीं बल्कि बड़ी संख्या में बड़े कस्बों और
गांवों में लोग नेट बैंकिंग और पेटीएम जैसे गूगल पे, फोन पे आदि का उपयोग कर कैशलेस ट्रांजैक्शन कर रहे हैं। क्या इसे
बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं माना जा सकता। मोदी ने देश के गरीब किसानों और मजदूरों को
भी बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा। आज 31.31 करोड़ गरीब लोग
जनधन खातों से जुड़े हुए हैं। उनमें एक नए आत्मविश्वास का संचार हुआ है जिसका सीधा
लाभ यह मिला कि सरकारी योजनाओं का पैसा उनके खातों में डायरेक्ट ट्रांसफर हो रहा
है। यह छोटी-छोटी बातें हैं जिन बातों पर विपक्ष खासतौर से कांग्रेस सांप बिच्छू
का डर दिखाती रही वे बातें आज लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गई हैं।
2014 के पहले देश की सुरक्षा में सरकारों
का हाल बेहाल किसी छुपा नहीं था। दुश्मन देश पाकिस्तान सेना के जवानों की गर्दन
काटकर और पकड़कर उत्पीड़न कर उसका दुनिया भर में प्रदर्शन करता था और सरकारें
समझौता वादी रवैया अपना लेती थीं। वहीं आज मोदी की इतनी दहशत है कि पाकिस्तान को
अभिनंदन को 24
घंटे में छोड़ने को बाध्य होना पड़ा।
सर्जिकल और एयर स्ट्राइक जैसी कार्रवाई ने दुश्मन देश पाकिस्तान को ऐसा कड़ा संदेश
दिया कि वह भारत के विरुद्ध कुछ करने के पहले कई बार सोचता है। कौन नहीं जानता कि
पाकिस्तान की संसद में मोदी के खौफ से खौफजदा राजनेता डर के मारे कांपते दिखाई
देते हैं। मोदी सरकार ने 2014 में देश के रक्षा
बजट में 9% की बढ़ोतरी की थी जिसका सकारात्मक असर
सेना पर दिखाई देता है। यही नहीं यूपीए
सरकार बजट का रोना रोकर सेना को गोला बारूद जैसी आवश्यक जरूरतों की पूर्ति करने
में अक्षम सिद्ध हुई वहीं अब सेना के पास बड़ी पनडुब्बियों और राफेल सहित कई
लड़ाकू विमान और आधुनिक उपकरण मौजूद है।
यदि मान लें कि सरकारी
नौकरियों में जाति आरक्षण देश की जरूरत है और ना भी हो तो भी भविष्य में देश में
ऐसी कोई सरकार नहीं हो सकती जो आरक्षण को समाप्त कर सके। देश भर में हमेशा यह आवाज
उठती रही कि देश में आर्थिक आधार पर आरक्षण हो और सवर्ण वर्ग के गरीब लोगों को भी
आरक्षण मिलना चाहिए। मोदी से पहले की किसी सरकार ने यह हिम्मत नहीं दिखाई कि वह
सवर्णों को आरक्षण की सोच सकें लेकिन मोदी ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसदी का आरक्षण स्वीकृत कर सात दशक से लंबित मांग को पूरा किया।
इसे किसी उपलब्धि से कम नहीं माना जा सकता।
मोदी एक निडर राजनेता
हैं वह यह नहीं सोचते कि उनके जनहित के कामों से कौन नाराज होगा और कौन खुश। वे
देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जो वर्ग विशेष के तुष्टीकरण से ऊपर उठकर काम
करते हैं। मोदी ने हज यात्रा में मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर उस गोरखधंधे को बंद
किया जिसका लाभ मुस्लिम तबके के रसूखदार लोगों को मिलता रहा था। इससे हर साल देश
को सात सौ करोड़ रुपयों की बचत होती है। वहीं नए प्रावधान के अनुसार 45 साल से ऊपर की कोई भी महिला बिना
पुरुष सहयोगी के हज यात्रा पर जा सकती है। उन्होंने तीन तलाक से मुक्ति दिलाकर
मुस्लिम महिलाओं की सामाजिक स्थिति में सुधार करने का जो काम किया उसे अनंत काल तक
भुलाया नहीं जा सकता।
कौन नहीं जानता कि
जम्मू-कश्मीर की बेहतरी के लिए मोदी ने धारा 370 और 35 ए हटाकर वहां के निवासियों के जीवन को
खुशहाल बनाया है। आज वहां के किसी नौजवान के हाथ में सेना पर फेंकने के लिए पत्थर
नहीं है। यही नहीं मोदी एकरूपता में विश्वास करते हैं। डिस्क्रिमिनेशन उन्हें पसंद
नहीं। यही कारण है कि टैक्स में एकरूपता के लिए उन्होंने वन नेशन वन टेक्स के तहत जीएसटी
लागू किया तो वहीं जनता की भलाई के लिए वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू की।
आयुष्मान भारत,
उज्ज्वला योजना, स्वच्छता मिशन, नागरिकता संशोधन
कानून और प्रधानमंत्री आवास जैसी बड़ी योजनाओं के बारे में देश का हर नागरिक जानता
है। आजादी के 70
सालों बाद तक देश के कई ऐसे गांव थे
जहां बिजली नहीं थी, उन सभी गांव में आज
बिजली पहुंच रही है, इससे बड़ी उपलब्धि और क्या हो सकती है। आज जब विपक्ष मोदी को
नीचा दिखाने और उन्हें विचलित करने के लिए अनर्गल आरोप मढता रहता है तब उन सब के
विरुद्ध जनता को मोदी के देश के हित में किए गए कामों को याद रखना होगा क्योंकि
मोदी देश की जरूरत हैं, क्योंकि वह ऐसे
प्रधानमंत्री हैं जो न केवल ईमानदार हैं बल्कि उनके कार्यकाल में आज तक सरकार पर
एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा।
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