डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया
कभी संसद में 2 सीटों
वाली भारतीय जनता पार्टी आज 282 सीटों
और अपने सहयोगी दलों के साथ सत्ता में है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों हुआ. निश्चित
ही सोचा होगा तभी देशवासियों ने भाजपा के पक्ष में 2014 में
मतदान किया होगा और यही कारण है कि वह आज सत्ता में है. विगत 3 सालों में भाजपा ने देशहित के कामों को
सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए विकास को महत्व दिया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक
मजबूत देश होने की छवि बनाई. दुनियाभर में पाक प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब किया.
काले धन पर नकेल
कसने के लिए नोटबंदी की. गरीबों के 28 करोड़
जनधन खाते खुलवाए. हर गाँव को बिजली और सड़क मुहैया कराने के लक्ष्यों को प्राप्त
करने के लिए काम किया. उज्ज्वला योजना से 2 करोड़
ग्रामीण गरीब महिलाओं परिवारों की आंखों को धुंएं से बर्बाद होने से बचाया. तीन
तलाक जैसे मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं की लड़ाई को
समर्थन दिया. एक समान कर
प्रावधान के तहत जीएसटी लागू किया. नोटबंदी कर देश को लूटने वालों से निजात दिलाई.
लाखों फर्जी खातों की पहचान कर 45000 करोड़
से अधिक की धनराशि काले धन के रुप में पहचानी गई जो 8 नवंबर 2016 के
बाद फर्जी अकाउंट में काले को सफेद करने के लिए जमा किए गए. नंदन नीलेकणि की आधार
कार्ड योजना को अपने मुकाम तक पहुंचाया, जिससे 9 अरब डॉलर की सरकारी खजाने में बढोत्तरी
हुई. नोटबंदी से कश्मीरी आतंकवादियों और नक्सलवादियों को धन की कमी से
मोहताज किया. अलगाववादियों पर नकेल कसी. पाकिस्तान के आतंकवादियों से उरी में हुए
हमले का बदला लिया. पाकिस्तान और म्यानमार में सर्जिकल स्ट्राइक कर न केवल इतिहास
बनाया बल्कि आतंकवाद को सबक सिखाया. पाकिस्तान को दुनिया भर में अलग-थलग करने में
सफलता पाई. चीन को डोकलाम मुद्दे पर पछाड़ा. देश की सेना को सुसज्जित किया. रक्षा
तंत्र को मजबूत करने के लिए सेना को हथियारों की कमी को पूरा किया. आतंकवाद से
निपटने के लिए सैन्य साजो-सामान हेतु उच्चतम तकनीक के हथियारों की खरीदी की.
आतंकवाद के सबसे बड़े दुश्मन देशों इजराइल और रूस जैसे देशों से उच्चतम तकनीक के
हथियारों की खरीदी की. अमेरिका से कच्चे तेल का आयात किया. दुनिया के छह देशों को
ब्रह्मोश मिसाइलों का निर्यात किया. विदेशों में बसे भारतीय नागरिकों की मदद की.
कश्मीर में पत्थरबाजों पर नकेल कसने में सफलता पाई. दहशतगर्दों को ठिकाने लगाने
में सेना को खुली छूट दी. स्वच्छ भारत मिशन द्वारा देश को स्वच्छ बनाने की मुहिम
चलाई जिसके अच्छे परिणाम दिखाई दे रहे हैं. रसोई गैस सब्सिडी से सालाना 5 अरब डालर की बचत की. मेक इन इंडिया, डिजिटल
इंडिया, स्किल डेवलपमेंट के लिए कौशल भारत की शुरुआत की. पूर्व
स्थापित भ्रष्टाचार को मान्यता पर नियंत्रण किया. जहां यूपीए सरकार कई घोटालों और
भ्रष्टाचार के लिए कुख्यात रही वहीं मोदी सरकार पर आज तक कोई और किसी भी तरह के
भ्रस्टाचार के आरोप नहीं है, इससे सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि मोदी सरकार की
कल्याण योजनाओं का बिना दलाली के देश की जनता को सीधा लाभ हुआ. भ्रष्टाचार पर जीरो
टॉलरेंस की नीति से विकास की गति तेज हुई. भाई भतीजावाद पर नकेल कसी गई. जहां एक
ओर यूपीए-2 में 2G, कोयला, कॉमनवेल्थ
गेम, चॉपर
और आदर्श जैसे घोटाले हुए वहीं पिछले 3 सालों
में एक भी घोटाला नहीं हुआ. मोदी सरकार में किसी भी मंत्री पर कोई भ्रष्टाचार का
अब तक छींटा नहीं है.
अर्थशास्त्री मोहन गुरु स्वामी कहते हैं ‘ऐसा
लगता है कि भाई-भतीजावाद का माहौल खत्म हो गया है. देखिए किस तरह पारदर्शिता से
कोयले की खानों और टू जी स्पेक्ट्रम का देश के लाभ के लिए आवंटन किया गया. लोग
अंबानी और अडानी की बात करते हैं लेकिन अंबानी गैस के जो दाम चाहते थे वह उन्हें
नहीं मिले. अडानी के बारे में थोड़ा बहुत सुनते हैं लेकिन देखते नहीं.’ आशय
यही है कि देश के विकास के लिए भ्रष्टाचार रहित योजनाएं चलीं. ना अंबानी को लाभ
पहुंचाया गया और ना अडानी को. ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के एक सदस्य भीखू पारेख
कहते हैं- ‘मोदी जी के जमाने में भ्रष्टाचार नहीं है. मनमोहन सिंह के
जमाने में हर महीने स्केम होते थे. इससे अर्थव्यवस्था पर बहुत असर पड़ता था, इसलिए
कहूंगा कि मोदी कार्यकाल में आर्थिक क्षेत्र में तरक्की हो रही है.’
मोदी सरकार ने लगभग 3 दशकों
से ठंडे बस्ते में पड़े बेनामी संपत्ति के कानून को संसद से संशोधन करा कर लागू
करवाया. यह कानून काला धन के खिलाफ सरकार का बहुत बड़ा हथियार है, जिसके
तहत ही आज लालू सीबीआई के चक्कर लगा रहे हैं.
देश
की रक्षा में अनवरत अपनी सेवाएं देने वाले रिटायर्ड सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन लागू
किया जिसे कांग्रेस ने 40 सालों
तक तवज्जो नहीं दी. बांग्लादेश से लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को मोदी सरकार
ने सुलझाकर यह सिद्ध कर दिया कि वह जटिल विवादों को सुलझाने में पूरी तरह सक्षम
है. रक्षा हथियार उत्पादन के लिए मेक इन इंडिया के तहत 116 इंडस्ट्रियल लाइसेंस जारी कर
देश को सक्षम और सुरक्षा की दृष्टी से मजबूत बनाने में सरकार अग्रणी रही.
देश की 65 प्रतिशत
युवा आबादी की बेहतरी के लिए मोदी सरकार ने गंभीर प्रयत्न किए उन्हें वित्तीय
सहायता और प्रोत्साहन देने में कोई कमी नहीं रखी जा रही. युवाओं को स्वयं का
कारोबार करने की योजनाएं बनाई गई. स्टार्टअप योजना से उन्हें जोड़ा गया जिससे वे
निजी व्यापार कर सकें. यही नहीं उनके लिए 3
साल तक के मुनाफे को कर मुक्त किया गया. प्रधानमंत्री
मुद्रा योजना के तहत 7.45 करोड़
से अधिक छोटे उद्यमियों को सवा तीन लाख करोड़ के लोन दिए गए. एससी एसटी वर्ग के
लिए 10 लाख
से एक करोड़ रुपए तक का लोन दिया जा रहा है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार
हुआ.
देश की आधारभूत संरचना में सड़कों का महत्वपूर्ण योगदान
होता है, मोदी
सरकार ने 2016- 17 में 48000 किलोमीटर
सड़कों का निर्माण किया और हर रोज 133 किलोमीटर
सड़क निर्माण किया जा रहा है जो 2013 -14 में मात्र 69 किलोमीटर प्रतिदिन होता था.
यदि 3 सालों की प्रगति देखें तो अब तक एक
लाख बीस हजार किलोमीटर सड़क का भ्रष्टाचार रहित निर्माण हो चुका है. मोदी
जी की उड़ान योजना से आज आम आदमी भी हवाई सफर कर सकता है. देश को बुलेट ट्रेन की
सौगात मिलना क्या कोई सामान्य बात है. इतनी बड़ी उपलब्धि पर भी विपक्ष प्रश्नवाचक
चिन्ह लगाए तो इसे क्या कहा जा सकता है.
कुल मिलाकर विगत 3 साल
भारतीय लोकतंत्र में विकास, आर्थिक प्रगति और जन कल्याण में बेमिसाल रहे.
क्या ये अच्छे दिन नहीं हैं यदि नहीं तो कैसे होते हैं अच्छे दिन. देश की जनता को
यदि अच्छे दिनों की पहचान ना होती तो उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ना होती. लेकिन
विपक्ष को यह सब भा नहीं रहा है. उसका कारण यही है` कि वह उस रास्ते पर चल रहा
था जिसमें सभी को भ्रष्टाचार करने का मौका था, जिस में वोट बैंक सुरक्षित
रखने को मुस्लिम तुष्टिकरण था, जिसमें भाई भतीजावाद था, जिसमें
शहंशाहों जैसी शानो-शौकत थी. इसमें मोदी सरकार ने पलीता लगा दिया. आज कांग्रेस
सहित समूचा विपक्ष बहुत कुछ खो चुका है. जिसमें उसने अपनी विश्वसनीयता
खो दी है, जिसमें उसकी प्रासंगिकता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है. जिसमें
वह दुनिया भर में अपने भ्रष्टाचार के चलते बदनाम हो गया है. तब क्यों कर विपक्ष हर
स्तर पर मोदी का विरोध नहीं करेगा विचारणीय है. लेकिन देश की जनता बहुत समझदार है
वह मूल्यांकन करती है. उसने 2014 से पहले भाजपा शासित राज्यों के विकास को देखा था उसने
गुजरात के विकास मॉडल को परखा था तभी उसने 2014 में मोदी को प्रधानमंत्री के लिए चुना और अब वह इन 3 सालों का मूल्यांकन और अगले 2 साल में मोदी सरकार द्वारा
किए जाने वाले कार्यों का सही सही मूल्यांकन करेगी. 2019 के चुनाव में विपक्ष की कितनी फजीहत होगी यह देखने वाली बात
होगी.
Thanks for these inputs.
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