भारत का कश्मीर जो कभी जन्नत हुआ करता था
विगत 30 सालों से जल रहा है और कब तक जलेगा कहा नहीं जा सकता.
हालांकि यह कहना उचित नहीं होगा कि विगत 3 सालों में कश्मीर में कोई
बड़ा बदलाव आया है लेकिन इतना तो कहा ही जा सकता है कि मोदी सरकार के आने के बाद
कश्मीर के दुश्मनों में हड़कंप मच गया है. यह सही है कि कश्मीर की समस्या का
समाधान गोलियों से नहीं होगा किंतु यह भी उतना ही सही है कि कश्मीरी गद्दारों को लाल
कालीन बिछाकर भी समस्या का समाधान नहीं होगा. विगत स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से
भाषण करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सही कहा था कि ‘कश्मीर की समस्या का समाधान न गोलियों से होगा और ना
गालियों से बल्कि कश्मीरियों को
शनिवार, 28 अक्तूबर 2017
मंगलवार, 24 अक्तूबर 2017
गुजरात की जनता मोदी को नजरअंदाज करेगी संभव ही नहीं
डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया
इसमें कोई शक नहीं कि पंजाब के गुरदासपुर में
भारी बहुमत से कांग्रेस की जीत ने उसमें काफी ऊर्जा का संचार किया है जिससे
उत्साहित होकर वह गुजरात में पिछले 1 महीने से जी तोड़ और जोड़ तोड़ की राजनीतिक
मेहनत कर रही है. गुजरात के चुनाव जितने कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं उससे कहीं
अधिक भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के लिए महत्वपूर्ण हैं. एक तरफ कांग्रेस को कुछ
खोने का इतना डर नहीं जितना पाने की अभिलाषा है तो दूसरी तरफ भाजपा और मोदी को
गुजरात में अपना वर्चस्व बनाए रखने की ज्यादा चिंता होगी. निश्चित रूप से गुजरात
चुनाव देश के दोनों प्रमुख दलों के लिए अति महत्वपूर्ण हैं. जहां एक ओर भाजपा को
ये चुनाव मोदी की साख को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय
रविवार, 15 अक्तूबर 2017
रोहिंग्या मुसलमान के समर्थन करने वाले देश के हितेषी नहीं हो सकते
पिछले कई दिनों से देश में अवैध रूप से
घुसपैठ कर रहे और कर चुके रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति देश की सेक्युलर जमात
जिनमें कांग्रेस, वामपंथी और
कई मोदी विरोधी दल और अधिकांश मुल्ले मौलवियों में उदारता उपज आई है. उन मुसलमानों
के प्रति जो देश के नहीं हैं और जो म्यानमार में बौद्धों के कत्लेआम के जिम्मेदार
हैं के प्रति मानवाधिकारों के पैरोकार
देश की सुरक्षा के साथ ही समझौता करने को तैयार हैं. यही नहीं इन रोहिंग्या
मुसलमानों की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने के लिए मोदी विरोधी सियासती वकीलों की
फौज खड़ी है. रोहिंग्या मुसलमानों की पैरवी करने में प्रशांत भूषण, राजीव धवन, फली नरीमन, कपिल
सिब्बल और अश्विनी कुमार जैसे लोग बिना इस बात की परवाह किए कि इन
शनिवार, 14 अक्तूबर 2017
मोदी की कूटनीति से पस्त पाकिस्तान और चीन
डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया
भले ही पाकिस्तान को अभी आतंकवादी देश
घोषित न किया गया हो किंतु यह एक सच्चाई है कि भारत ने उसकी विश्व समुदाय में अघोषित
आतंकवादी देश के रूप में पहचान बनाने में सफलता पाई है. सही मायने
में पाकिस्तान आतंकवादियों की पुख्ता गिरफ्त में है उसके पास इन से पीछा छुड़ाने
की कोई युक्ति भी नहीं है और ना वह कश्मीर मुद्दे के कारण इसे छोड़ना ही चाहता है. 1965, 1971 और कारगिल युद्ध में शिकस्त
खाने के बाद पाकिस्तान यह अच्छी तरह समझता है कि वह भारत से युद्ध के मैदान में
कभी नहीं जीत सकता यही कारण है कि उसके पास केवल भारत में आतंकवाद फैलाने का
विकल्प शेष बचा है. वह केवल इस्लाम के नाम पर कश्मीरियों को बरगलाते हुए भारत के
सामने समस्याएं खड़ी करने में ही अपना भला समझता है. पाकिस्तान अपने जन्म से लेकर
आज तक ऐसी कोई
ये अच्छे दिन नहीं तो कैसे होते हैं अच्छे दिन
डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया
कभी संसद में 2 सीटों
वाली भारतीय जनता पार्टी आज 282 सीटों
और अपने सहयोगी दलों के साथ सत्ता में है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों हुआ. निश्चित
ही सोचा होगा तभी देशवासियों ने भाजपा के पक्ष में 2014 में
मतदान किया होगा और यही कारण है कि वह आज सत्ता में है. विगत 3 सालों में भाजपा ने देशहित के कामों को
सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए विकास को महत्व दिया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक
मजबूत देश होने की छवि बनाई. दुनियाभर में पाक प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब किया.
काले धन पर नकेल
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