बुधवार, 29 नवंबर 2017

विरोधियों की आंख की किरकिरी बन गए हैं मोदी

डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया

जब पूरी दुनिया में भारत के प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता शिखर पर है, जब  विदेशी राजनेता प्रधानमंत्री मोदी की उनके भारत की प्रगति में योगदान की सराहना करते हैं, जब अमेरिका, रूस, फ्रांस, इंग्लैंड और इजराइल जैसे देशों के राष्ट्राध्यक्ष मोदी को आगे बढ़ कर सम्मान देते हैं, जब इवांका ट्रंप भारत में आकर मोदी के बारे में खुले मन से मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें भारत को एक संपन्न अर्थ व्यवस्था बनाने तथा दुनिया के लिए आशा का प्रतीक बताते हुए कहती हैं कि आपने (मोदी ने) जो हासिल किया वह वाकई असाधारण है. बचपन में चाय बेचने से लेकर भारत के प्रधानमंत्री चुने जाने तक आपके सफर ने साबित किया है कि बदलाव मुमकिन है’, जब इवांका ट्रंप यह भी कहती हैं कि 

शनिवार, 25 नवंबर 2017

भगवान भी नहीं बचा सकता कांग्रेस को इस हाराकीरी से

Dr. Hari Krishna Barodiya
डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया

अंग्रेजी में एक कहावत है कि एवरी मैन कमिट्स मिस्टेक, बट फूल्स रिपीट देम’   अर्थात गलतियां हर आदमी करता है किंतु मूर्ख गलतियां दोहराते हैं. आज कांग्रेस भी उस मूर्ख व्यक्ति की तरह ही है जिसने एक बार गलती करने के बाद फिर से गलती को दोहरा दिया है. कौन नहीं जानता 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान बड़बोले मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस की लुटिया डुबाने में हिमालयी गलती की थी. वे तब एक ऐसे भविष्यवक्ता बन गए थे जिसे भविष्य क्या होता है यही नहीं मालूम था. तब उन्होंने कहा था इस सदी में (नरेंद्र मोदी) एक चाय वाला प्रधानमंत्री नहीं बन सकता. नहीं बन सकता वाक्य को

बुधवार, 22 नवंबर 2017

आतंकियों के जनाजे निकालने पर बैन लगाया जाए

Dr. Hari Krishna Barodiya
डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया

इसमें अब कोई शक नहीं रह गया कि कश्मीर के सभी सियासी दल चाहे वह पीडीपी हो या  नेशनल कांफ्रेंस, कश्मीर के अवाम की चिंता नहीं कर रहे. इन सियासी दलों का यही एक मकसद है कि ऐनकेन प्रकारेण वह सत्ता सुख को भोगते रहें. जो सत्ता में हो होते हैं वे दबी  जुबान से पाकिस्तान की तरफदारी करते हैं और जो विपक्ष में होते हैं वे खुली जुबान से पाकिस्तान का समर्थन करते हैं. चाहे मरहूम मुफ्ती मोहम्मद सईद हों या महबूबा मुफ्ती, चाहे फारुख हों या उमर अब्दुल्ला, ये सारे के सारे नेता कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग तब तक मानते हैं जब तक यह सत्ता में होते हैं और जैसे ही ये सत्ता से बेदखल होते हैं वैसे ही पाकिस्तान की कश्मीर की आजादी की मांग का समर्थन करने

शनिवार, 18 नवंबर 2017

हर एक गुजराती की प्रतिष्ठा लगी है दांव पर

Dr. Hari Krishna Barodiya
डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया


गुजरात विधानसभा के चुनाव देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं. जहां एक और भाजपा अपने गढ़ को बचाए रखने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही है वहीं कांग्रेस अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रही है. वैसे देखा जाए तो यह सामान्य निष्कर्ष है कि जिस राज्य का व्यक्ति (नरेंद्र मोदी) देश का प्रधानमंत्री है और जिसने दुनिया भर में भारत को प्रतिष्ठा दिलाने में अपना सर्वोत्तम दिया है, जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित मुकाम बनाया है और जो खुद गुजराती है उसे गुजरात की जनता किसी भी स्थिति में पराजय नहीं देगी.

सोमवार, 13 नवंबर 2017

एक और पाकिस्तान भक्त पैदा हो गया देश में !

डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया

ऐसा कोई दिन नहीं जाता जिस दिन कश्मीर से यह खबर ना आए कि वहां आतंकियों को खोजने में सेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू न किया हो. हर दिन पाकिस्तान आतंकियों की घुसपैठ कराता है और भारतीय सेना उन्हें खोज कर जन्नत पहुंचाती है. यह सिलसिला कमोवेश 30 सालों से जारी है. सैकड़ों भारतीय सैनिक इसमें अब तक शहीद हो चुके हैं किन्तु समस्या का समाधान अब तक नहीं निकला है और कब निकलेगा कहा नहीं जा सकता. असल में यह समस्या 1947 से तब से ही बनी हुई है जब देश के दो टुकड़े हुए थे. और यह समस्या तब और ज्यादा बड़ी होती चली गई जब पाकिस्तान को 1965, 1972 और कारगिल युद्ध में हार का सामना करना पड़ा. एक कमजोर देश पाकिस्तान के सामने हार का बदला लेने का इससे बेहतर रास्ता कोई नहीं मिला कि वह कश्मीर को अशांत बनाए रखे, उसकी आजादी की मांग

बुधवार, 8 नवंबर 2017

नोटबंदी और कुछ भी हो लेकिन संगठित लूट तो कतई नहीं है ..


Dr. Hari Krishna Barodiya
डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया


नवंबर का दिन तब तक याद रखा जाएगा जब तक देश में दूसरी नोटबंदी नहीं होगी. पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी ने अचानक और दूरगामी सोच के साथ 500 और 1000 के नोटों के चलन पर रोक लगा दी थी जिसकी देश में किसी भी व्यक्ति, किसी भी राजनीतिक दल और यहां तक कि किसी अर्थशास्त्री को सपने में भी उम्मीद नहीं थी. निसंदेह उसके बाद देशभर में अफरा-तफरी मची. बैंक में नोट बदलवाने के लिए हजारों लोगों की लाइन में लगी आम आदमी परेशान हुआ लगभग. एक  महीने से अधिक समय तक लोगों को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में कठिनाई भी हुई. लेकिन 2016 से 2017 के इस एक साल में देश के विपक्ष की लाख कोशिशों के बाद भी देश की सवा सौ करोड़ जनता प्रधानमंत्री के इस

सोमवार, 6 नवंबर 2017

जब आतंक का कोई धर्म नहीं होता तब भगवा आतंकवाद कैसे?


Dr. Hari Krishna Barodiya
डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया


वर्तमान भारत की राजनीति में विवादित बयानों की जैसे बहार आ गई है. सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ही ओर से विवादित बयानों की झड़ी लगी रहती है. मणिशंकर अय्यर, पी चिदंबरम, हामिद अंसारी, संदीप दीक्षित, मनीष तिवारी, दिग्विजय सिंह, साध्वी निरंजन ज्योति, गिरिराज सिंह और शत्रुघ्न सिन्हा आदि राज नेताओं के विवादित बयान हमेशा सुर्खियों में रहते रहे हैं. सुधी पाठक अच्छी तरह से जानते हैं कि जब राजनेताओं को जनता में अपने होने का आभास कराना होता है तब वे विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरते हैं.

गुरुवार, 2 नवंबर 2017

कांग्रेस विरोध का एक और मुद्दा


Dr. Hari Krishna Barodiya
डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया


इस देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यही है कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर देश को तोड़ने वाले लोगों को भी अभय दान मिल जाता है. जेएनयू दिल्ली में पिछले वर्ष उमर खालिद और कन्हैया कुमार ने भारत तेरे टुकड़े होंगे- इंशाअल्लाह इंशाअल्लाह, कश्मीर की आजादी तक -जंग रहेगी जंग रहेगी और अफजल हम शर्मिंदा हैं -तेरे कातिल जिंदा हैं जैसे नारे लगाकर यह स्पष्ट कर दिया था की इन जैसी वैचारिक सोच वाले लोग न केवल देश की एकता और अखंडता को चोट पहुंचा रहे हैं बल्कि ये लोग देश के टुकड़े करने और कश्मीर की आजादी के नाम पर पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं, जो राज्य की कानून व्यवस्था को ध्वस्त करने के लिए काफी है. क्योंकि ये और इनके साथी विश्वविद्यालय में ऐसा